तूलिका का कमाल। रंगों का धमाल। कलाकारों में होड़। प्राकृतिक दृश्यों की भरमार। पेपर पर हरियाली की मार। एक से बढ़कर एक कलाकृति। चंदौली जिले में मुगलसराय स्थित नगर पालिका इंटर कालेज परिसर में रविवार 22 अगस्त को राज्य ललित कला अकादमी उप्र की ओर से आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में यह सब देखने को मिला। प्रकृति चित्रण पर आधारित प्रतियोगिता में कुल लगभग डेढ़ सौ कलाकारों ने भाग लिया। दो वर्गों क्रमश: 10 से 17 एवं 18 से 25 वर्ष के प्रतिभागी जुटे तो सर्वश्रेष्ठ कृति बनाने के लिए होड़ सी मच गयी। माध्यम था एक्रेलिक अथवा पोस्टर रंग। प्रतियोगिता की संयोजक बीएचयू स्थित दृश्यकला संकाय के चित्रकला विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. उत्तमा दीक्षित ने कहा कि नक्सल प्रभावित चंदौली जिले में नौगढ़ जैसे कई मनोरम प्राकृतिक स्थल हैं। यहां की कलाओं को प्रोत्साहन मिले तो नक्सलवाद जैसी समस्याओं का हल हो सकता है। निर्णायक मंडल में बीएचयू में दृश्य कला संकाय के पूर्व अध्यक्ष प्रो. आरएन मिश्र व एसोसिएट प्रोफेसर डीपी मोहन्ती शामिल थे। 29 अगस्त को सर्वश्रेष्ठ कृतियों की घोषणा की गई। दोनों वर्गों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए। दोनों वर्गों में चुनी गईं 10 सर्वश्रेष्ठ कृतियों की लखनऊ में प्रदर्शनी आयोजित होगी। सभी प्रतिभागियों के चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन और पुरस्कार वितरण समारोह 29 अगस्त को इसी इंटर कॉलेज में सम्पन्न हुआ।
यहां देखें प्रतियोगिता का कवरेजः-
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=40&edition=2010-08-23&pageno=9#
http://tewaronline.com/?p=465
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6641872.html
http://fineartakademiup.nic.in/home.htm
Thursday, August 12, 2010
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