Wednesday, October 22, 2008
नई दौड़
Nude Photographs से चर्चित कार्ला ब्रूनी यदि फ्रांस की प्रथम महिला बन सकती हैं तो यह लड़किया भला क्यों पीछे रहें? उदारवाद के रास्ते चलने वाले चीन की साउथ-वेस्ट चोंगकिंग सिटी की १९ वर्षीया स्टुडेंट झेन झेन ने ५०० किलोमीटर दूर सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदू जाकर एक लोकल फोटोग्राफर से अपने nude photographs कराये, जगह इसलिए मुफीद लगी कि उसे वहां कोई नहीं जानता था। उसका मकसद प्रसिद्धि पाना था, एक लड़की के इस कदम ने अन्य लड़किओं के लिए रास्ता खोल दिया। बहुतों ने बढ़-चढ़ कर अपने ऐसे फोटोग्राफ्स कराये और उन्हें बेचना शुरू कर दिया। कीमत सैकडों से हजारों juaan मिलने लगी। एक नया मार्केट बन गया। १९८० के दशक में इसी चीन की exhibition में nude paintings पर तीखी बहस का दौर चला था, यह बहस फिर से गर्म हो गई जब एक आर्टिस्ट झेंग पेन ने इन्ही लड़किओं में से एक की फोटो को पेंटिंग में ढाला. कई और कलाकार भी पीछे नहीं रहे। इस तरह की पेंटिंग्स भारी दामों में बिकने लगी। चीन में nude paintings का बाज़ार एक लाख अमेरिकन डॉलर से ज्यादा का है। दूसरी तरफ़ nude photographs पर रोक की मांग उठने लगी है। बहस का मुद्दा यह है कि nude paintings प्रसिद्धि पा रही हैं, जमकर बिक रही हैं तो फिर ऐसी फोटोग्राफ्स पर बवेला क्यों? आख़िर फोटोग्राफी भी तो कला की एक विधा है। nude photographs के समर्थकों को यह समझ क्यों नहीं आ रहा कि पेंटिंग्स में कलाकार की कूची से अश्लीलता कलात्मकता में बदल जाती है।
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