Friday, November 28, 2008

ये हौसले, ये अभियान

यह कलाजगत के किस्से नहीं लेकिन कलाकार होने के बावजूद इससे जान-बूझकर अनजान बन जाना मेरे लिए संभव नहीं था।एक दिसम्बर को विश्व ऐड्स दिवस का जिक्र आया तो सीता यादव का चेहरा याद आ गया। आकृति कुंठे भी नज़रों के सामने थी। सीता ने दो शादी की, दोनों पति ऐड्स से मारे गए।सीता भी H.I.V. positive है। मुश्किल से 23-24 साल की सीता ने ऐड्स पीडितों को उनका हक़ दिलाने के लिए लड़ाई चला रखी है।साथ है उसका प्रेमी जो H.I.V. positive नहीं। सीता का अभियान असर दिखा रहा है।बनारस, चंदौली और आस-पास के तमाम लोग अब ऐड्स के शिकार लोगों से पहले की तरह नहीं हिचकते। जन जागरण के अभियान की वो आज नायिका है। B.H.U. के सर सुन्दरलाल अस्पताल में टेस्ट के लिए आने वाले हर H.I.V. positive को सीता हर तरह की मदद दिलाती है. इलाज रुका तो वो घर पहुँच जाती है। आकृति कुंठे की कहानी भी कम खौफ-नाक नहीं। सिर्फ़ 19 साल की आकृति के साथ उसके कॉलेज के स्टूडेंट्स ने कुकर्म किया, किसी कुकर्मी की वजह से वो भी H.I.V. positive हो गई। आज कुकर्म पीडितों की उसकी लड़ाई PUNE के उसके KASBEY से शुरू होकर महारास्ट्र के अंदरूनी इलाकों तक आ रही है। सीता की तरह वो भी नाम नहीं, जैसे संस्था बन गई है। उपेक्षितों की लड़ाई की इन वीरांगनाओं को पूरी कामयाबी की शुभकामनाएं।

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