Friday, December 5, 2008
यहाँ भी धमाके
पहले ग्लोबल मंदी और फिर मुंबई में धमाके, कलाजगत भी इस वक्त दहला सा है। नरीमन पॉइंट की आर्ट गैलरी में कलाकार हैं, पर उनकी रचनाओं के खरीदार नही आ रहे। जहाँगीर आर्ट गैलरी बुक कराने वाले ज्यादा दुखी हैं। यह वो गैलरी है, जिसमे exhibition के लिए कलाकार को आवेदन के बाद कई साल इंतज़ार करना पड़ता है। समझना मुश्किल नहीं, कि इंतज़ार और बडे खर्च के बाद भी कामयाबी न मिले तो मायूसी कितनी बढ़ जाती है। कमल नयन बजाज आर्ट गैलरी, पीरामल गैलरी, मोक्ष आर्ट गैलरी, पुन्दोल, जमात के साथ-साथ collectors paradise और legacy world of arts भी वहीँ आस-पास है। नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट्स भी रोशन नहीं। पेंटिंग के बिज़नस ने कितना नुकसान झेला है, इसका अंदाज़ लगा पाना किसी के लिए आसान नहीं है। एक और ओर भी संकट है, यह दुनिया है उन लोगों की जो बड़े buyers के आर्डर पर काम करके किसी तरह जीविका चलाते हैं। पेंटिंग्स की कीमतें औंधे मुह गिरी हुई हैं. बेशक, मुंबई कला की बड़ी मंदी है लेकिन दिल्ली और कला के कद्रदान अन्य शहर भी कम प्रभावित नहीं हैं। सब जगह यही हाल है मायूसी भरा।
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