Saturday, December 4, 2010

मेरी कलाकृतियां ..अहा जिंदगी.. में

देश की सर्वाधिक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में शुमार ..अहा जिंदगी.. के दिसम्बर 2010 अंक में भी मेरी कलाकृतियां प्रकाशित हुई हैं। शुरुआत हुई है पृष्ठ संख्या 10 से, जहां आवरण कथा के साथ मेरी वुमैन सीरीज की एक पेंटिंग प्रकाशित है। ख्यातिलब्ध साहित्यकार मैत्रैयी पुष्पा के लेख ..बंदिशें और सामंती शिकंजे टूट रहे हैं.. के साथ इसी सीरीज की मेरी दूसरी पेंटिंग है। यह सीरीज मैंने हाल ही में इलाहाबाद संग्रहालय, इलाहाबाद में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रायोजित अपनी प्रदर्शनी के लिए बनानी शुरू की थी। खास तौर से अहा जिंदगी के लिए बनायी पेंटिंग्स के साथ इस सीरीज में कुल पेंटिंग्स की संख्या अब 16 हो गयी हैं, जिनमें मैंने एक औरत के अलग-अलग मूड्स प्रदर्शित किए हैं। आवरण कथा के ही दूसरे आलेख में सुप्रसिद्ध लेखिका अनामिका के लेख के साथ मेरी इस सीरीज की तीसरी पेंटिंग छपी है। अगले पृष्ठ पर ..गार्गी ने सदियों पहले एक परंपरा तोड़ी थी.. के साथ मेरी चौथी पेंटिंग है। इस प्रतिष्ठित पत्रिका ने मुझे यह मौका दूसरी बार दिया है। इससे पहले नवम्बर अंक में साहित्यकार प्रतिभा कटियार की कहानी .. अमलताश होती लड़की की कथा.. के साथ मेरी नेचर सीरीज की पेंटिंग प्रकाशित हुई थीं। दिसम्बर अंक में आपकी चिट्ठियां कॉलम में प्रतिभा जी की कहानी की सराहना करने वाला उदयपुर (राजस्थान) निवासी इमरान खान का जो पत्र छपा है, उसके साथ भी मेरी यह पेंटिंग प्रकाशित हुई है। दैनिक भास्कर समाचार पत्र समूह की यह पत्रिका हिंदी जगत की सर्वाधिक लोकप्रिय साहित्यिक पत्रिका है। यह पत्रिका उन क्षणों में साथ देती है जब मन में कहीं निराशा जग जाए, और यह निराशा तो हर व्यक्ति में कभी न कभी जगती ही है। यह जीवन के उल्लास से आपका दोबारा परिचय कराने लगती है। इसलिये भी, मैं इसकी फैन हूं। बिल्कुल अलग शैली की इस पत्रिका की मैं पिछले छह साल से नियमित पाठक हूं। ऐसे में यहां अपनी कलाकृतियों को प्रकाशित देखकर मैं प्रफुल्लित हूं।

यहां देखें अहा जिंदगी-
http://www.bhaskar.com/magazine/aha-zindagi/

6 comments:

अभिषेक आर्जव said...

अच्छा लगता है जब अपना बनाया / रचा हुआ कही छपता है ! अहा जिन्दगी तो एक बड़ी की पत्रिका है , इसमें छपना एक उपलब्धि जैसा ही है .....हम देखते है लेकर .........!

vijay kumar sappatti said...

badhayi ho uttama ji ....

Arvind Mishra said...

बहुत बहुत बधाई

देवेन्द्र पाण्डेय said...

बहुत-बहुत बधाई।
..कामायनी रचना श्रृंखला पर आपके विचारों ने अत्यधिक प्रभावित किया।

देवेन्द्र पाण्डेय said...

..अपनी खुशियाँ बांटने के लिए धन्यवाद। कामायनी चित्र श्रृंखला ने अत्यधिक प्रभावित किया।

नया सवेरा said...

... bahut sundar ... badhaai !!!